Number system (संख्या पद्धति)|Number|Digit|Natural Number|Whole Number|Integer|Even Number|Odd Number|Composite Number|Prime Number|CO-prime Number|Twing prime Number|Rational Number|Irrational Number|Perfect Number|Real Number


 

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Number system
(संख्या पद्धति)

         {Number (संख्या)}

1. Number (संख्या)-: वो गणितीय वस्तुएं जिनका  उपयोग गिनने, मापने और नामकरण करने के लिए  किया जाता हैं,उन्हें संख्या कहते हैं जैसे  :- 12,45,85,42,123,78452,... etc


2. संख्या दो प्रकार के होते हैं

  (i) वास्तविक संख्या (real number):-वैसी संख्या जिनका कोई भी मान संभव हो, वास्तविक संख्या  कहलाती हैं जैसे:- 1,2,½,52,0.96,0.96996999…,√2,..etc


 (ii) काल्पनिक संख्या (imaginary number): - वैसी संख्या जिनका कोई भी मान संभव नहीं हो, काल्पनिक संख्या कहलाती हैं जैसे:- √-2,√-3,..etc


3. अंक (digit):- शून्य से नौ तक के संकेत (सूचक) को अंक कहते हैं जैसे:-0,1,2,3,4,5,6,7,8,9

Note:-कुल अंको की संख्या 10 होती हैं


{संख्या:- दो या दो से अधिक अंको को मिलने से बने वस्तुएं को संख्या कहते हैं  }     जैसे:-12,45,78,7085,½,⅘,0.9658,0.89899...


4. प्राकृत संख्या (Natural number):- सामान्यतः गिनती की संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं इसे 'N' से सूचित किया जाता हैं जैसे:- 1,2,3,4,5,6,7,8,... etc


5. पूर्ण संख्या (Whole number):- प्राकृत संख्या के समूह में शुन्य को शामिल करने से प्राप्त समूह को पूर्ण संख्या कहते हैं इसे 'W' से सूचित किया जाता हैं जैसे:- 0,1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12,...etc


6. पूर्णांक (Integer):- पूर्ण संख्या के समूह में ऋणात्मक प्राकृत संख्या को शामिल करने से प्राप्त समूह को पूर्णांक कहते हैं इसे 'I'&'Z' से सूचित किया जाता हैं जैसे:- …,-3,-2,-1,0,1,2,3,.. etc


Note:- Z का अर्थ (zahlen -गिनना या   zahl-संख्या)


7. सम संख्या (Even Number):- वैसी संख्या जो 2 से पूर्णतः विभाजित हो, सम संख्या कहलाती हैं

 जैसे:-2,4,6,8,10,12,... आदि।

 8. विषम संख्या (Odd Number):- वैसी संख्या जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं हो, विषम संख्या कहलाती हैं

 जैसे:-1,3,5,7,9,11,13,... आदि।


 Note:- किसी दो सम संख्याओ का जोड़, घटाव और गुणा करने पर प्राप्त परिणाम भी सम संख्या ही   होती हैं।


 Note:- किसी एक सम संख्या में एक विषम संख्या जोड़ा जाए तो प्राप्त संख्या, विषम संख्या होती हैं।


Note:- किसी भी सम संख्या का घाट कितनी भी की जाए, पर प्राप्त परिणाम सदैव सम संख्या ही होती हैं।

Note:- यदि दो विषम संख्या को आपस में जोड़ा जाए तो प्राप्त परिणाम सदैव एक सम संख्या ही होती हैं।


Note:- किसी भी विषम संख्या की घाट कितनी भी की जाए, पर प्राप्त परिणाम सदैव विषम संख्या ही होगी।


9. भाज्य या यौगिक या संयुक्त संख्या (Composite Number):- वैसी संख्या जिनका गुणनखंड करने पर प्राप्त गुणनफल दो से अधिक हो, भाज्य संख्या कहलाती हैं जैसे:-4,6,8,9,10,12,14,15,16,... etc

                      Or

वैसी संख्या जो 1 या स्वयं को छोड़कर किसी अन्य संख्या से भी विभाजित हो, भाज्य संख्या कहलाती हैं


Note:-सबसे छोटी भाज्य संख्या 4 हैं


10.अभ्यास या रूढ़ या असंयुक्त संख्या (prime number):- वैसी संख्या जो 1 या स्वयं को छोड़कर किसी अन्य संख्या से विभाजित नहीं हो, अभाज्य संख्या कहलाती हैं

जैसे:-2,3,5,7,11,13,... etc


 Note:- सबसे छोटी अभाज्य 2 हैं  


 Note :-  दो (2)को छोड़कर सभी अभाज्य संख्या, विषम संख्या होती हैं


11. सह- अभाज्य संख्याएं (co-prime number):- वैसी संख्याएं  जिसका महत्तम समापवर्तक 1 हो, सह -अभाज्य सांख्य कहलाती हैं

जैसे:- (1,2),(7,9),(11,13),(17,19)...etc


Note:- दो क्रमागत प्राकृत संख्याएं, सह-अभाज्य संख्याएं  होती हैं जैसे:-(1,3),(5,7)...etc


12. जुड़वा अभाज्य संख्याएं(Twinge prime):- वैसी दो अभाज्य संख्याएं जिनका अंतर दो हो, जुड़वा अभाज्य संख्याएं कहलाती हैं

जैसे:-(11,13),(17,19)...etc


13. परिमेय संख्या (Rational number:- वैसी संख्या जो p/q के रूप का हो, जहां p और q दोनों पूर्णांक हो और q≠0 हो , परिमेय संख्या कहलाती हैं इसे 'Q' से सूचित किया जाता हैं जैसे:- 5, 6/5, √9, -⅔, 0.9685, 12,...etc


14. अपरिमेय संख्या (Irrational number) :- वैसी संख्या जो p/q के रूप का नहीं हो,जहां p और q दोनों पूर्णांक हो और q≠0 हो , अपरिमेय संख्या कहलाती हैं इसे '(Q')' से सूचित किया जाता हैं

जैसे:- √2, √5, 1/√3, 0.10010001… ,...etc

 

15. संपूर्ण संख्या (perfect number):- वैसी प्राकृत संख्या जिनका सभी अपवर्तको का योग संख्या मान से दोगुना हो, संपूर्ण संख्या कहलाती हैं

जैसे:-6 का अपवर्तको =1,2,3,6,[1+2+3+6=12]


Note:- किसी भी परिमेय संख्या तथा अपरिमेय संख्या का जोड़ हमेशा अपरिमेय संख्या ही होती हैं

जैसे:-√2+1=अपरिमेय


Note:- किसी भी परिमेय संख्या तथा अपरिमेय संख्या का जोड़,घटाव, गुणा और भाग करने पर प्राप्त परिणाम सदैव अपरिमेय संख्या ही होती हैं

जैसे:-2-√3, 5×√7,4/√6 ये सब अपरिमेय संख्या हैं


Note:- किसी भी दो या दो से अधिक अपरिमेय संख्या का जोड़ करने पर प्राप्त परिणाम सदैव अपरिमेय संख्या ही होती हैं जैसे:- √2+√5


Note :- किसी भी दो या दो से अधिक अपरिमेय संख्या का घटाव, गुणा और भाग करने पर प्राप्त परिणाम , परिमेय तथा अपरिमेय संख्या कुछ भी हो सकती हैं


16. वास्तविक संख्या (Real number):- परिमेय संख्या तथा अपरिमेय संख्या के सम्मिलन को वास्तविक संख्या कहते हैं इसे 'R' से सूचित किया जाता है जैसे:-1, -⅔, √5, 0.96,...etc






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